हजार गम मेरी फितरत नही बदल सकते ;
क्या करू मुझे आदत हे मुस्कुराने की ।
"सोचा था हर मोड़ पे "एस ऍम एस" करेंगे आपको, पर कमबख्त पूरी सड़क सीधी थी, कोई मोड़ ही नहीं आया."
आज फिर निकली है वो बे-नक़ाब शहर मे दोस्तों…आज फिर भीड़ होगी कफ़न की दुकान में….
तुझे क्या पता की मेरे दिल में कितना प्यार हैं तेरे लिए
°°°°°°ऐ दोस्त°°°
जो कर दूँ बयाँ तो तुझे नींद से नफरत हो जाए।
तू इश्क़ की कोई दूसरी निशानी दे दे मुझको,
.
.
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ये आँसू तो रोज़ गिर के सूख जाते हैं!
क्या करू मुझे आदत हे मुस्कुराने की ।
"सोचा था हर मोड़ पे "एस ऍम एस" करेंगे आपको, पर कमबख्त पूरी सड़क सीधी थी, कोई मोड़ ही नहीं आया."
आज फिर निकली है वो बे-नक़ाब शहर मे दोस्तों…आज फिर भीड़ होगी कफ़न की दुकान में….
तुझे क्या पता की मेरे दिल में कितना प्यार हैं तेरे लिए
°°°°°°ऐ दोस्त°°°
जो कर दूँ बयाँ तो तुझे नींद से नफरत हो जाए।
तू इश्क़ की कोई दूसरी निशानी दे दे मुझको,
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ये आँसू तो रोज़ गिर के सूख जाते हैं!
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