शतरंज की चालों का खौफ़
उन्हें होता है,
जो सियासत करते हैं…
साहेब !
हम तो
यारी करते हैं...!!!
छोड़ दो किसी से वफा की आस ए यारो...
जो रुला सकता है वो भुला भी सकता है.
पहचान कफ़न से नहीं होती है ____
लाश के पीछे काफिला बयां कर देता है हस्ती को
माना आप के आस पास सारी दुनिया हैं,
कभि हमारी कमी का अहसास करलिया करो.....
नया हूँ अभी धीरे धीरे सीख जाऊंगा,,,
पर किसी के सामने झुक कर अपनी पहचान नही बनाऊँगा..
उन्हें होता है,
जो सियासत करते हैं…
साहेब !
हम तो
यारी करते हैं...!!!
छोड़ दो किसी से वफा की आस ए यारो...
जो रुला सकता है वो भुला भी सकता है.
पहचान कफ़न से नहीं होती है ____
लाश के पीछे काफिला बयां कर देता है हस्ती को
माना आप के आस पास सारी दुनिया हैं,
कभि हमारी कमी का अहसास करलिया करो.....
नया हूँ अभी धीरे धीरे सीख जाऊंगा,,,
पर किसी के सामने झुक कर अपनी पहचान नही बनाऊँगा..
No comments:
Post a Comment