6>>>> उसके एक फरेब ने, हस्ती मिटा दी मेरी.. मिल जाए अगर तो पूंछू, क्या था गुनाह मेरा????
7>>>> जुआ तो वो खेलते है
जीसे अपनी किस्मत आझमानी है
हम तो किस्मत से ही जुआ खेलते है
7>>>> जुआ तो वो खेलते है
जीसे अपनी किस्मत आझमानी है
हम तो किस्मत से ही जुआ खेलते है
8>>>>> कहाँ कबूली जाती है आजकल दुआ फकीरों की !
खुदाभी सुनता है ऐ दोस्त सिर्फ
सदा अमीरों की...
खुदाभी सुनता है ऐ दोस्त सिर्फ
सदा अमीरों की...
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