1>>>> सोचता हूँ इस दिल में एक कब्रिस्तान बना लूँ,,,मर रहे हैं सारे ख्वाब एक-एक कर के
2>>>> "इतनी तो तेरी सूरत भी नहीं देखी...जितना तेरे
इंतज़ार में घड़ी देखी है"
मौसम की या तेरी ?.
2>>>> "इतनी तो तेरी सूरत भी नहीं देखी...जितना तेरे
इंतज़ार में घड़ी देखी है"
3>>>> मेरे मरने पर किसी को ज्यादा फर्क नहीं होगा,
बस तन्हाई रोएगी कि मेरा हमसफ़र चला गया
4>>>> कोई मुझ से पूछ बैठा 'बदलना' किस को कहते हैं?
सोच में पड़ गया हूँ मिसाल किस की दूँ ?मौसम की या तेरी ?.
5>>>>> तूने कह तो दिया भूल जाओ मुझे .....
तुझे भूल जाऊँ ये कैंसे मुमकिन है भला...
दरियाओं को भी तुमने कभी उल्टे बहते देखा है
दरियाओं को भी तुमने कभी उल्टे बहते देखा है
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