Monday 27 October 2014

HINDIIIIIIII

इश्क की बहुत सारी उधारियां है तुम
पर.. ,!!!!!
चुकाने की बात करो तो कुछ किश्तें तय कर लें…??


छोड़ दो किसी से वफ़ा की आस,
ए दोस्त जो रुला सकता है,
वो भुला भी सकता है.


बहुत नजदीक से गुजरे वो बेखबर बनकर |
कल तलक साथ थे जो मेरे हमसफर बनकर


भरी बरसात में उड़ के दिखा माहिर परिंदे…
सूखे मौसम में तो तिनके भी सफ़र कर लेते है..


ऐ दिल तू क्यों खुश होता है,
सिर्फ मौसम बदला है लोग नहीं ...

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