सोचा था छुपा लेंगे गम अपना,
कम्बख्त आँखों ने ही बगावत कर दी
जब भी वो उदास हो उसे
मेरी कहानी सुना देना ,
मेरे हालात पर हंसना उसकी पुरानी आदत है
सब कुछ किया पर नाम ना हुआ।
महोबत क्यां करली बदनाम हो गए
कम्बख्त आँखों ने ही बगावत कर दी
जब भी वो उदास हो उसे
मेरी कहानी सुना देना ,
मेरे हालात पर हंसना उसकी पुरानी आदत है
सब कुछ किया पर नाम ना हुआ।
महोबत क्यां करली बदनाम हो गए
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