1>>>> सोचता हूँ इस दिल में एक कब्रिस्तान बना लूँ,,,मर रहे हैं सारे ख्वाब एक-एक कर के
2>>>> "इतनी तो तेरी सूरत भी नहीं देखी...जितना तेरे
इंतज़ार में घड़ी देखी है"
मौसम की या तेरी ?.
2>>>> "इतनी तो तेरी सूरत भी नहीं देखी...जितना तेरे
इंतज़ार में घड़ी देखी है"
3>>>> मेरे मरने पर किसी को ज्यादा फर्क नहीं होगा,
बस तन्हाई रोएगी कि मेरा हमसफ़र चला गया
4>>>> कोई मुझ से पूछ बैठा 'बदलना' किस को कहते हैं?
सोच में पड़ गया हूँ मिसाल किस की दूँ ?मौसम की या तेरी ?.
5>>>>> तूने कह तो दिया भूल जाओ मुझे .....
तुझे भूल जाऊँ ये कैंसे मुमकिन है भला...
दरियाओं को भी तुमने कभी उल्टे बहते देखा है
दरियाओं को भी तुमने कभी उल्टे बहते देखा है
6>>>> उसके एक फरेब ने, हस्ती मिटा दी मेरी.. मिल जाए अगर तो पूंछू, क्या था गुनाह मेरा????
7>>>> जुआ तो वो खेलते है
जीसे अपनी किस्मत आझमानी है
हम तो किस्मत से ही जुआ खेलते है
7>>>> जुआ तो वो खेलते है
जीसे अपनी किस्मत आझमानी है
हम तो किस्मत से ही जुआ खेलते है
8>>>>> कहाँ कबूली जाती है आजकल दुआ फकीरों की !
खुदाभी सुनता है ऐ दोस्त सिर्फ
सदा अमीरों की...
खुदाभी सुनता है ऐ दोस्त सिर्फ
सदा अमीरों की...
9>>>> क्या पता था कि महोब्बत हो जायेगी,
हमें तो बस तेरा मुस्कुराना अच्छा लगा था..
बड़ी होकर पगली हमारे दिल से ही खेल गयी
अब दिल यहाँ नही रहता
हमें तो बस तेरा मुस्कुराना अच्छा लगा था..
10>>>> लगता है माँ-बाप ने
बचपन में खिलोने नहीं दिलाये.. तभी तोहबड़ी होकर पगली हमारे दिल से ही खेल गयी
11>>>> जरा देखो तो ये दरवाजे पर दस्तक किसने दी है,,
अगर इश्क हो तो कहना,,,अब दिल यहाँ नही रहता
No comments:
Post a Comment